अरबी के पत्तों से बनने वाली इड़हर कढ़ी, छत्तीसगढ़ के लोगों को आती है बहुत पसंद.. पढ़ें रेसिपी

छत्तीसगढ़ में बनने वाले व्यंजनों में वैसे तो बहुत सी कढ़ियां शामिल की जाती है। अलग अलग फ्लेवर और स्वाद में होने के साथ यह सेहत के लिए भी फायदेमंद होती है। इनमें से एक है इड़हर कढ़ी…। अरबी के पत्ते जिन्हें छत्तीसगढ़ में कोचाई के पत्ते भी कहा जाता है इन्हीं के पत्तों को बेसन और दही के साथ मिलाकर इस खास कढ़ी को बनाया जाता है।
सामाग्री
500 ग्राम बेसन
2 कप खट्टा दही
1/2 चम्मच सरसों
1/2 चम्मच जीरा
1/2 हल्दी पाउडर
6-7 लहसून की कली
6-7 हरी मिर्च बीच से चीरा लगा हुआ
1 गड्डी धनिया पत्ती
4-5 करी पत्ता
स्वादानुसार नमक
आवश्यकता अनुसार तेल (कोचई पत्ता तलने के लिए और मसाले के लिए)
विधि
अरबी के पत्तों को पानी से धोकर, अरबी के पत्तों के पीछे के तना को चाकू से सहायता से छील कर अलग कर लीजिए। किसी बर्तन में बेसन को छान कर उसमें नमक डाल कर थोड़ा -थोड़ा पानी डालते हुए गाढ़ा घोल बना लीजिए । अरबी के पत्तों के ऊपर बेसन की घोल की परत लगाइये । और उसके ऊपर दो तीन पत्ता रखिए और सभी पत्तों के बीच में बेसन का घोल लगा कर पत्तों को रोल करते हुये मोड़ लीजिये । किसी बर्तन में 500 ग्राम पानी भर कर, उस पर कोई जाली स्टैन्ड रख दीजिये और उसके ऊपर चलनी रख कर बेसन लगे हुये अरबी के पत्ते को चलनी में रखिये । और ढक्कन ढक कर 15 मिनिट तक भाप में पकाइए । सभी उबले हुए अरबी पत्ते को किसी प्लेट में निकाल कर उसे चाकू से गोल- गोल काट लीजिए। कढ़ाई में थोड़ा तेल डाल कर सभी कोचई के पत्तों के रोल को तल कर किसी प्लेट में निकाल लीजिए। अब एक मिक्सी में तीन चम्मच बेसन, दो कप खट्टा दही 4 हरी मिर्च,6-7 लहसून, और धनिया पत्ती डाल कर उसे पीस लें । अब एक कढ़ाई में थोड़ा तेल डालकर उसमें सरसो, जीरा, करी पत्ता, हरी मिर्च लंबे कटे हुए का तड़का लगाए । फिर उसमे दही और बेसन के घोल को डाल कर उबाल आने तक पकाएं । उबाल आने के बाद उसमे कोचई पत्ता के रोल को डाल दीजिए और एक दो उबाल आने पर कढ़ी तैयार हो जाती हैं। इस स्वादिष्ट कढ़ी को आप चावल के साथ खा सकते है ।